shiv chalisa in hindi Things To Know Before You Buy
shiv chalisa in hindi Things To Know Before You Buy
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योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।
लिङ्गाष्टकम्
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
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अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने Shiv chaisa पूरा किया।
श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी
जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ ।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। Shiv chaisa करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
लिङ्गाष्टकम्